स्थायी अर्थात् स्थिर ऐसे मानक की बात है जिससे उसकी वर्तमान स्थिति नहीं बदलती। इसका मतलब यह है कि यह हमेशा एक जैसा रहता है। उदाहरण के लिए, गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक, जो पृथ्वी की सतह पर किसी भी बिंदु पर समान रहता है। इससे अन्य मानक जैसे पाई, प्रकाश की गति आदि का भी आसानी से पता चल जाता है कि ये स्थायी मानक हैं। आइए इन मापदंडों के बारे में अधिक विस्तार से बात करें।
1. स्थायी मानक क्या हैं?
स्थायी मानक वे मानक हैं जो अपनी वर्तमान स्थिति को नहीं बदलते हैं और हमेशा के लिए एक जैसे रहते हैं।
2. स्थिर मानक का प्रयोग कहाँ किया जाता है?
– विज्ञान, गणित, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग आदि विभिन्न शाखाओं में निरंतर मानक का उपयोग किया जाता है।
3. स्थिर मानक और संशोधित मानक में क्या अंतर है? (What is the difference between the Constant Standard and the Revised Standard?)
संशोधित मानक वे हैं जो अपनी स्थिति बदल सकते हैं या प्रतिक्रियाओं के आधार पर परिवर्तन के अधीन हैं। इसके विपरीत, निश्चित मानक हमेशा समान रहते हैं।
4. स्थिर मानक और भौतिकी के बीच क्या संबंध है?
– भौतिकी में, स्थिरांक वे मानक हैं जिनका उपयोग विभिन्न प्रकार के तापमान, दबाव और आधुनिक विज्ञान के अन्य मापदंडों में किया जाता है।
5. अचर प्राचलों के कुछ उपयोग क्या हैं? (What are some uses of constant parameters?)
– यूनिवर्सल कांस्टेंट, हाइड्रोजन के संबंधित मानक, प्रकाश की गति, पाई आदि में स्थिर मानकों का उपयोग किया जाता है। ये पैरामीटर आधारों की गिनती, मिश्रण और अलग करने में मदद करते हैं।
ये सभी उत्तर यह स्पष्ट करते हैं कि स्थायी मानक अपनी वर्तमान स्थिति में बने रहते हैं और प्रभावित नहीं होते हैं। विज्ञान, इंजीनियरिंग और अन्य तकनीकी क्षेत्रों में इस विषय को समझना बहुत महत्वपूर्ण है।